राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के संरक्षण, समर्थन और विकास के बारे में चर्चा करने के लिए 16 अक्टूबर 2023 को अपराह्न 3.00 बजे राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय, राजघाट, नई दिल्ली में गांधीवादियों और समान विचारधारा वाले संगठनों और व्यक्तियों की एक विशेष बैठक आयोजित की गयी ।
इस विशेष कार्यक्रम की अध्यक्षता महात्मा गाँधी की पोती राष्ट्रीय गाँधी संग्राहलय की Chairperson तारा गाँधी भट्टाचार्य ने की . Special Commissioner of Police at Delhi Armed Police रोबिन हीबू मुख्य अतिथि रहे .राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय राजघाट, नई दिल्ली के निदेशक ए.अन्नामलाई ने संग्राहलय का परिचय दिया और सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया .और कार्यक्रम का संचालन सुकन्या भरतराम ने किया .
इस अवसर पर सार्वभौमिक प्रेम और मित्रता का संदेश फैलाने का आव्हान किया गया । हम एक समर्थन ढांचे के रूप में ‘राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के मित्र’ बनाने पर विचार कर रहे हैं। बैठक के बाद, गांधी समाधि पर गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए एक शांति पदयात्रा भी निकाली गयी ।
राष्ट्रीय गाँधी संग्राहलय की Chairperson तारा गाँधी साहिबा संग्रहालय से समाधि तक के सफर को पैदल चलकर पूरा करना चाहती थीं किन्तु लोगों के आग्रह पर उन्होंने आधे रास्ते से व्हील चेयर का उपयोग किया .सभी गणमान्य अतिथियों ने महात्मा गाँधी समाधी पर फूल अर्पित किये , और बापू के उपदेशों को फैलाने का सकल्प लिया .
पूर्व में गांधी के विचारों और उनके आदर्शों तथा अहिंसा की नीति को अपनाया , और इसके नतीजे में भारत को साम्राजयवाद तथा पूँजीवाद से आज़ादी मिली थी । आज भी गांधी की खोज पूरी दुनिया में तेज़ी से की जा रही है।
राष्ट्रीय गाँधी संग्रहालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बैठक में कई देशों के राजदूत ,राजनयिकों और देशभर के गांधीवादियों ने अपने विचार व्यक्त किये . गांधीजी और उनके सहयोगियों के आदर्शों के परिपेक्ष में ‘सार्वभौमिक प्रेम या वैश्विक प्रेम और मैत्री’ के लिए एक आंदोलन चलाने का प्रस्ताव रखा गया । वक्ताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि हमें ‘सार्वभौमिक प्रेम और मित्रता का संदेश’ सभी देशों तक ले जाना चाहिए।
तारा गाँधी भट्टाचार्य ने कहा हमें यह संदेश सरकारी और नागरिक स्तर पर पूरे विश्व में ले जाना होगा । तारा गाँधी ने कहा हमारे सामने आज बड़ी चुनौती यह है कि वर्तमान में चल रही छल और नफरत की राजनीति से दूर रखकर आने वाली नस्लों का भविष्य कैसे उज्ज्वल बनाया जाए । बच्चों और युवाओं के सामने गाँधी के विचारों के साथ सद्भाव ,क्षमा, प्रेम, अहिंसा और नैतिक मूल्यों के उदाहरण पेश करना हमारा तत्काल कर्तव्य है ताकि वे जिम्मेदार नागरिक बन सकें।अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों का निर्वाह कर सकें .
गाँधी संग्राहलय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बैठक के अवसर पर जी-20 शिखर सम्मेलन का भी ज़िक्र किया गया . विभिन्न देशों के शीर्ष नेताओं और उनके प्रतिनिधियों के आगमन के साथ ही शांति, प्रेम और भाईचारे का भव्य उत्सव, और वसुधैव कुटुंबकम का दृश्य मनमोहक बताया गया . तारा गाँधी ने भारत सरकार को इस के लिए बधाई दी . G20 के सभी राष्ट्राध्यक्षों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का भी हार्दिक धन्यवाद किया .
इसी अवसर पर तारा गाँधी के निमंत्रण पर 8 देशों के राजदूतों ने हिस्सा लिया और गाँधी के विचारों को अपने अपने ढंग से प्रस्तुत किया . तारा जी के निमंत्रण पर आये 8 देशों के उत्तराधिकारियों को T 8 का नाम देदिया गया . ऐसे ही जैसे G 20 के बाद P 20 summit का नाम दिया गया .स्वाभाविक है इसका कोई मक़सद होगा .
उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों, चुनौतियों और उनके कार्यान्वयन में सरकार के साथ नागरिकों की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है। देश और समाज के सच्चे और वास्तविक विकास में नागरिकों की सबसे महत्वपूर्ण और मौलिक भूमिका होती है। जो आजके समय में नागरिकों के साथ-साथ सरकार के लिए भी एक चुनौती है।
तारा गंधा ने कहा हमें अपने सामाजिक जीवन के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए मानवीय भावना को फिर से जागृत करने की ज़रुरत है। हमें मानव समाज के बच्चों और युवाओं के सामने आदर्शों वाले उदाहरण स्थापित करने होंगे। आज के बच्चे और युवा ही भविष्य के जिम्मेदार बनेंगे .
तारा गाँधी ने कहा मानव मस्तिष्क , हिंसा रहित होगा और पर्यावरण , प्रदूषण रहित होगा तभी हमारा समाज विकसित और समृद्ध कहलाएगा । समावेशी विकास और हिंसा तथा भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए, व्यक्तिगत और सामूहिक स्तर पर इस प्रक्रिया में भाग लेना हमारी जिम्मेदारी है।
दुनिया से आने वाले गाँधीवादी विचार वाले देशों में क्यूबा , रवांडा , अर्जेंटीना , मंगोलिया , ग्वाटेमाला , तथा स्वीडन शामिल हैं . इसके अलावा गाँधी पीस फाउंडेशन , गाँधी स्मारक निधि ,खुदाई ख़िदमतगार , महावीर फाउंडेशन इंटरनेशनल , गाँधी साहित्य सभा , इत्यादि नामी ग्रामी संस्थाओं ने गाँधी के विचारों को देश में फैलाने के लिए अपनी वचनबद्धता को दोहराया . कार्यक्रम में जिन महानुभावों ने हिस्सा लिया और अपने विचार व्यक्त किये उनमें फैसल खान (खुदाई ख़िदमतगार ) , अशोक शरण (सेवाग्राम ) , के नारायण (महावीर इंटरनेशनल ) , संजोय सिंह (गाँधी स्मारक निधि ) , हेना चक्रबोर्ती ,मकरंद प्रताप सिंह (Senior advocate Supreme Court ) ,कुसुम शाह (गाँधी साहित्य सभा ) , रजत शुक्ल (Asia One Magazine) ,Prof नीरज कुमार (जामिया मिल्लिया इस्लामिया ) ,Prof विवेक दुबे (जामिया मिल्लिया इस्लामिया ) , TD जोशी (Senior advocate Supreme Court ) , लक्ष्मी जी , ऋचा संग (Asia One Magazine ) , Y P आनंद के नाम प्रमुख हैं . कार्यक्रम के आयोजन में राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के सभी साथियों का पूरा सहयोग रहा . मेहमानो के आगमन से प्रस्थान तक पूरे स्टाफ का भरपूर साथ रहा .इस अवसर पर सभी मेहमानों ने स्वादिष्ट और पौष्टिक खानो का भी स्वाद लिया . TOP Exclusive