उत्तराखंड में चारधाम यात्रा तीन मई को शुरू हुई थी। जिसके बाद दिन प्रतिदिन लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन वहीं दूसरी ओर मौसम का कहर भी जारी है साथ ही स्वास्थ्य के चलते लोगों की मौत भी हो रही है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर दो यात्रियों की दिल का दौरान पड़ने से मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार कपाट खुलने के बाद से अभी तक 30 यात्रियों की मौत हो चुकी है। उधर यमुनोत्री धाम में भी दो तीर्थयात्रियों की हार्ट अटैक से मौत हो गई।चार धाम यात्रा में अब तक स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों और पहाड़ी से गिरने के कारण 62 यात्रियों की मौत हो चुकी है।
सुबह 8 बजे जानकीचट्टी पार्किंग में गोकुल प्रसाद निवासी उज्जैन मध्य प्रदेश की तबीयत खराब हो गई, जिसे पीएचसी ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने गोकुल प्रसाद को मृत घोषित कर दिया। वहीं शाम पौने पांच बजे मुंबई निवासी दिलीप सेठ (63) की जानकीचट्टी में हार्ट अटैक से मौत हो गई। वहीं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ शैलेजा भट्ट ने बताया कि चार धाम यात्रा को लेकर लोगों में भारी उत्साह है। इसकी वजह से उन्हें स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों के कारण परेशानी उठानी पड़ रही है।चार यात्रियों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है।
पुलिस ने शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग भेज दिया है। कपाट खुलने के बाद से अभी तक 34 यात्रियों की मौत हो चुकी है। बीते सोमवार देर शाम को रवींद्र नाथ (56), प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश की सोनप्रयाग में तबियत खराब हो गई थी। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद एंबुलेंस से जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग रेफर किया गयाचार धाम यात्रा की नियमित समीक्षा के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट ने बताया कि अभी तक चारों धामों केलिए एक लाख चार हजार 927 यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से 73 यात्रियों से अग्रिम यात्रा स्थगित करते हुए वापस लौटने के लिए कहा गया है।
1882 यात्रियों ने अपने जोखिम पर यात्रा जारी रखने का अंडर-टेकिंग दिया गया है। महानिदेशक ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा पूर्ण मुस्तैदी के साथ कार्य कर रही है। जिसके तहत अभी तक 2,208 यात्रियों को आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्रदान कर बचाया गया है। 113 घायल यात्रियों का उपचार किया गया है।