दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायालय ने जुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। उधर, मोहम्मद जुबैर के वकील सौतिक बनर्जी ने गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि बहस के बाद न्यायाधीश ने मामले को निर्णय के लिए सुरक्षित रख लिया है। जज लंच के बाद अभी तक नहीं आए हैं।
यह देखकर स्तब्ध हूं कि डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने मीडिया में लीक कर दिया है कि जुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है और 14 दिन की न्यायिक हिरासत दी गई है।दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज एफआईआर में तीन नई धाराएं- आईपीसी की 201 (सबूत नष्ट करने- फोन को फॉर्मेट करने और ट्वीट डिलीट करने), 120-बी (आपराधिक साजिश) और एफसीआरए की 35 जोड़ दी हैं।
पुलिस ने एफआईआर में विदेशी अनुदान (नियमन) अधिनियम 2010 की धारा जोड़ते हुए आरोप लगाया है कि मोहम्मद जुबैर के मामले में साजिश रची गई और सबूतों को नष्ट किया गया। पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी को विदेशों से डोनेशन मिला है। इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने मोहम्मद जुबैर की एक याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है, जिसमें जुबैर ने कथित आपत्तिजनक ट्वीट से संबंधित मामले में पुलिस रिमांड की वैधता को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने याचिका पर नोटिस जारी किया और उत्तरदाता को अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।दिल्ली पुलिस ने बताया कि रेजरपे पेमेंट से मिले जवाब का विश्लेषण करने पर पाया गया कि भारत से बाहर के कई फोन नंबर या आईपी एड्रेस बैंकॉक, मनामा, नॉर्थ-हॉलेंड, सिंगापुर, विक्टोरिया, न्यूयॉर्क, इंग्लैंड, रियाद, बलदल्यात अद दावा, स्टॉकहोम, आइशी, संयुक्त अरब अमीरात के पूर्वी, पश्चिमी और पूर्वी प्रांत, अबू धाबी, वाशिंगटन डीसी, कंसास, न्यूजर्सी, ओन्टेरियो, कैलिफोर्निया, टेक्सास, लोवर सैक्सोनी, बर्न, दुबई, यूसिमा और स्कॉटलैंड के थे।
जुबैर को 27 जून को दिल्ली पुलिस ने एक ट्वीट के जरिए धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसी दिन निचली अदालत ने एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। एक दिन की हिरासत में पूछताछ के बाद अदालत में पेश किए जाने पर मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने उसकी हिरासत चार दिनों के लिए बढ़ा दी थी।