राजधानी दिल्ली में सब्जियों के दाम लगातार इतने बढ़ रहे हैं कि एक आम आदमी की थाली से सब्जियां धीरे-धीरे गायब हो रही हैं. नींबू की कीमतों ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दीं हैं.
पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं, सब्जी और फलों के बढ़ते दामों ने मिडिल क्लास के लिए और ज्यादा मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
सब्जियों के दाम लगातार इतने बढ़ रहे हैं कि एक आम आदमी की थाली से सब्जियां धीरे-धीरे गायब हो रही हैं.
राजधानी में मौजूदा समय में सब्जियों के दाम कुछ इस प्रकार है.
टमाटर 50 से ₹60 किलो, आलू 30 से ₹40 किलो, बैंगन ₹60 किलो, प्याज ₹40 किलो, हरी प्याज 70 से ₹80 किलो, बींस 80 से ₹90 किलो, करेला ₹70 किलो, पत्ता गोभी ₹35 किलो, शिमला मिर्च ₹65 किलो, खीरा ₹40 किलो, अदरक ₹240 किलो, हरी मिर्च ₹120, किलो भिंडी ₹45 किलो मिल रही है. वहीं यह दाम अलग-अलग रिटेल शॉप पर कुछ कम या ज्यादा हो सकते हैं. इसके अलावा मॉल और बड़ी-बड़ी दुकानों पर सब्जियों के दाम 100 के पार भी पहुंच गए हैं.
दिल्ली की सबसे बड़ी सब्जी मंडियों में से एक ओखला सब्जी मंडी के विक्रेताओं का कहना है कि सब्जियों के दाम तो बढ़े ही हैं, इसके अलावा पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने के कारण भी सब्जियों के दाम में उछाल आया है, क्योंकि सब्जी विक्रेताओं को मंडी तक सब्जी मंगाने में ज्यादा किराया लग रहा है. पहले जहां एक ट्रक का किराया 10 से 12 हज़ार लगता था वो अब 14 से 15 हज़ार में आ रहा है. एक आलू की बोरी पर भी किराया बढ़ गया है, जिसके कारण सब्जियों के दाम भी बढ़ रहे हैं.
सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि थोक में सब्जियों के दाम पर ज्यादा असर नहीं पड़ता लेकिन रिटेल में सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं. पेट्रोल-डीजल थोड़ा सा भी महंगा होने पर रिटेल व्यापारी दाम बढ़ा देते हैं, इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन का भी खर्चा ज्यादा हो जाता है. बता दें कि मौजूदा समय में दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल के दाम ₹100 के पार 105 रुपए 41 पैसे हैं वहीं डीजल ₹96.67 पैसे प्रति लीटर के हिसाब से मिल रहा है.