दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा खां कादरी उर्फ अहसन मियां ने ईद-उल-अजहा पर प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी न करने की ताकीद की है।
उन्होंने मुसलमानों से अच्छा शहरी होने का फर्ज निभाते हुए साफ-सफाई रखने और हलाल पैसों से ही कुर्बानी करने को भी कहा है। ईद-उल-अजहा का त्योहार दस जुलाई को मुकर्रर हुआ है जो तीन दिन चलेगा।
अहसन मियां ने दीनी मसाइल पर चर्चा करते हुए ईद-उल-अजहा के मजहबी पहलू पर रोशनी डाली और मुसलमानों से अमन और सुकून के माहौल में त्योहार मनाने की अपील की। इस दौरान खुले में कुर्बानी न करने की सख्ती से ताकीद की गई।
सज्जादानशीन ने कहा कि हलाल तरीके से कमाए हुए पैसों से ही कुर्बानी जायज मानी जाएगी। कुर्बानी हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। मुसलमान इस सुन्नत को खुशदिली के साथ अदा करें। यह त्योहार मजहबी होने के साथ इंसानियत का भी है।जमात रजा मुस्तफा का एक प्रतिनिधिमंडल डॉ. मेहंदी हसन के नेतृत्व में डीएम से मिला और ज्ञापन देकर बकरीद के दौरान शहर में सफाई और सुरक्षा व्यवस्था के माकूल इंतजाम करने की मांग की गई है। डॉ. मेहंदी ने बताया कि ईदगाह समेत शहर की सभी मस्जिदों में सुबह छह से 11 बजे तक नमाज अदा की जाएगी। इसके बाद तीन दिनों तक कुर्बानी का सिलसिला जारी रहेगा। इस दौरान नगर निगम की ओर से साफ सफाई, पेयजल और बिजली आपूर्ति की व्यवस्था कराई जाए।
प्रतिनिधिमंडल में हाफिज इकराम रजा खान, शमीम अहमद, समरान खान, मोइन खान, अब्दुल्लाह रजा खान आदि शामिल थे।