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पाकिस्तान की अंतरिक्ष यात्री ने भारत के चंद्रयान-2 के लिए इसरो को दी बधाई, क्या कहा देखें //

पाकिस्तान की अंतरिक्ष यात्री ने भारत के चंद्रयान-2 के लिए इसरो को दी बधाई, क्या कहा देखें //

पाकिस्तान की अंतरिक्ष यात्री ने भारत के चंद्रयान-2 के लिए इसरो को दी बधाई, क्या कहा देखें //

पुलवामा आतंकी हमला और कश्मीर के ताज़ा हालात को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तीखी बयानबाजी के बीच पाकिस्तान की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री नामीरा सलीम ने भारत और इसरो को चंद्रयान-2 मिशन के लिए बधाई दी है. नामीरा ने कहा है कि चंद्रमा पर लैंडिंग का प्रयास करना ही अपने आप में दक्षिण एशिया के साथ ही पूरे वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक ‘बड़ी छलांग’ है.

आपको याद होगा कि चंद्रयान- 2 के लैंडर ‘विक्रम’ की शुक्रवार देर रात चंद्रमा पर लैंडिंग कराने की इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (इसरो) की अनोखी कोशिश सफल नही हो पायी थी, जिसकी सफलता की काफी उम्मीद लगाई जा रही थी . लैंडर जब चंद्रमा से करीब 2.1 किलोमीटर दूर था तभी धरती पर बने कण्ट्रोल रूम से उसका सम्पर्क टूट गया था. इसे चंद्रमा के लिए देश के दूसरे अभियान का ”सबसे जटिल” चरण माना जा रहा था.

पाकिस्तानी अंतरिक्ष यात्री नामीरा सलीम ने भारत को चंद्रयान -2 की काफी हद तक सफलता के लिए कराची की पत्रिका ‘साइंशिया’ को अपना बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा , ”मैं भारत की ISRO को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की एक सफल सॉफ्ट लैंडिंग कराने के भारत के तारीखी प्रयास के लिए बधाई देती हूं. चंद्रयान-2, मिशन वास्तव में South Asia के लिए एक बड़ी छलांग है जो न केवल क्षेत्र बल्कि पूरे वैश्चिक अंतरिक्ष उद्योग को गौर्वांवित बनाता है.”

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याद रहे नामीरा सलीम अंतरिक्ष में पाकिस्तान से जाने वाली पहली यात्री हैं. वह सर रिचर्ड ब्रैनसन के वर्जिन गैलेक्टिक से अंतरिक्ष में गई थीं. नामीरा ने यह भी कहा कि ”दक्षिण एशिया में अंतरिक्ष के क्षेत्र में क्षेत्रीय विकास शानदार है और इससे फर्क नहीं पड़ता कि कौन देश अंतरिक्ष में आगे बढ़ता है, अंतरिक्ष में पहुंचकर सभी राजनीतिक और भौगोलिक सीमाएं मिट जाती हैं और हमें एकजुट करती हैं, जबकि पृथ्वी पर हमें विभाजित करती हैं.”

पाकिस्तानी पत्रिका के अनुसार जो पहले कुछ चुनिंदा अंतरिक्ष देशों का क्लब था वह अब हमारे नये अंतरिक्ष युग की शुरूआत में सभी के लिए खुल गया है. भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक लैंडिंग का प्रयास करने वाला पहला देश है और अगर साफ्ट लैंडिंग में सफलता मिलती तो रूस (तत्कालीन सोवियत संघ), अमेरिका और चीन के बाद भारत चौथा देश बन जाता.

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ISRO चंद्रमा पर साफ्ट लैंडिंग कराने में भले असफल रहा, किन्तु इस बीच इसरो प्रमुख के सिवन के बयान को सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है जिसमे उन्होंने कहा है की , ”हां हमने चंद्रमा पर लैंडर का पता लगा लिया है. यह संभवत: हार्ड लैंडिंग थी.”

पूर्व विंग कमांडर तथा Association For Asian Union (AAU) के india chapter के अध्यक्ष प्रफुल बख्शी ने इस चंद्रयान -2 की सफल यात्रा पर पाकिस्तानी अंतरिक्ष यात्री नामीरा सलीम के बयान पर टिपण्णी करते हुए कहा की हम पहले भारतीय नागरिक के रूप में नामीरा के बयान का स्वागत करते हैं और फिर मैं AAU के अध्यक्ष के रूप मैं नामीरा के बयान को south asian region में बिगड़ते सियासी और कूटनीतिज्ञ माहौल में बेहतरी की एक किरण के रूप में देखता हूँ , बख्शी ने कहा की देशों के ज़िम्मेदार और प्रख्यात लोगों की तरफ से दिए जाने वाले इस प्रकार के बयानात से क्षेत्र में अमन की राह को नए आयाम मिलते हैं , जिसकी आज के माहौल में सख्त ज़रुरत है “

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