शोएब आफ़ताब के NEET 2020 में कीर्तिमान बनाने और (आफ़ताब ) सूर्य के उदय होने से पहले सर्वोदय में इस सूरज की किरणें चमकने लगी थीं
दरअसल किसी भी शानदार ईमारत की खूबसूरती और मज़बूती का अंदाजा दुनिया के समझदार लोग उसकी बुनियाद से लगाते हैं , जिस इमारत की बुनियाद जितनी मज़बूत होगी उसपर कड़ी होने वाली ईमारत उतनी ही मज़बूत होगी .
अब चाहे ये ईमारत तालीम के मैदान के हो या सियासत के दंगल की , धर्म की मजलिस की हो या फिर दीं के मकतब की . कहते हैं तालिब ए इल्म को स्कूल की दरो दीवार भी सिखाती हैं .अब चाहे वो स्वभाव और नैतिक माहौल हो या फिर हुनर और होंसला .
ऐसा ही कुछ National Eligibillity Cum Enterence Test (NEET 2020) के नतीजों में इस बार देखने को मिला . जिस वक़्त NEET Exam 2020 के परिणाम आ रहे थे उस वक़्त सभी Parents अपने बच्चों के नतीजे देखने के लिए अपने अपने Computers और MObile Phones पर चिपके हुए थे . वहीँ देश के सभी coathing Centres में नतीजे देखने Students के Parents को बताने के लिए desks सजाई गयी थीं मानो देश के आम चुनावों के नतीजे आ रहे हों इस प्रकार का प्रबंध किया गया था सभी Centres में .
ऐसी ही एक तस्वीर राजस्थान के कोटा शहर के Allen Coaching Centre की हम भी देख रहे थे जिसमे हमारे कुछ बच्चे Coaching ले रहे हैं . हमारे अपने किसी बच्चे का तो नाम नहीं आया किन्तु एक नाम जो न सिर्फ Allen में बल्कि पूरे देश में सूरज (आफ़ताब ) की तरह चमक रहा था और वो था शोएब आफ़ताब का . और क्यों न चमकता आखिर शोएब के मानी रहनुमाई करने वाला या रास्ता दिखने वाले के होते हैं और फिर जब इसके साथ आफ़ताब लग गया तो इसकी इफ़ादियत दोबाला होगई , इसकी एहमियत और बढ़ गयी , आफ़ताब के मानी हम सब जानते हैं सूरज को कहते , या चमकने वाला . यानी शोएब आफ़ताब का मतलब हुआ एक ऐसा सूरज जो राह दिखने वाला हो .
अब ज़ाहिर है NEET में नुमायां कामयाबी हासिल करने वाले शोएब ने लगभग 14 लाख बच्चों में से पूरे देश में No . 1 Rank हासिल करके पूरे देश और दुनिया को एक नई राह दिखाई है , एक नया सूरज उदय किया है . उन्होंने Students के लिए एक लक्ष्य रखते हुए बता दिया है कि NEET में 720 में से 720 नंबर भी लाये जा सकते हैं . इससे पहले देश कभी ऐसा नहीं हुआ .
अब इसके बाद Allen Coaching kota का चर्चा तो पूरे विश्व में और ख़ास तौर से भारत वर्ष में होना तो स्वाभाविक था लेकिन शोएब का जब हमने सर्वोदया सीनियर सेकंडरी स्कूल,कोटा में स्वागत होते देखा तो Confusion हुआ की यह तो Allen से coaching कर रहा था , किन्तु Convocation समारोह सर्वोदया सीनियर सेकंडरी स्कूल,कोटा में चल रहा है यह देख कर लगा की सर्वोदया ने भी Medical की coaching शुरू करा दी है .
लेकिन जब तहक़ीक़ की गयी तो पता चला नहीं साहब यह बच्चा शोएब आफ़ताब तो वहीँ से पढ़कर Allen में कोचिंग के लिए आया था , यानी इसकी प्रतिभाओं को सर्वोदया सीनियर सेकंडरी स्कूल,कोटा में सींचा जा रहा था . और अब यह पौधा देश और समाज को फल देने लायक़ बन गया था . इसकी सिचाई में माली का किरदार सर्वोदया सीनियर सेकंडरी स्कूल,कोटा के Chairman अब्दुल ग़फ़्फ़ार मिर्ज़ा ने निभाया जबकि इसकी रुपाई , गुड़ाई का काम Allen कोटा के शिक्षकों ने की .
अब ज़रा यह भी जान लेते हैं कि शोएब का परिवार क्या है . सबसे पहले बता दें कि शोएब आफ़ताब राउकेला उड़ीसा के रहने वाले हैं , उनकी एक छोटी बहिन हैं बहुत प्यारी सी , जो अपने भाई को बहुत प्यार करती है उनकी माँ सुल्ताना रज़िया (गृहिणी) हैं ,और अपना जीवन उन्होंने शोएब की कामयाबी के लिए वक़्फ़ कर दिया है ये अपने वतन को छोड़कर कोटा रह रहे थे शोएब के पिता आफ़ताब अहमद एक कारोबारी हैं , शोएब की पैदाइश 23 मई 2002 को उनके आबाई शहर राउकेला उड़ीसा में ही हुई थी .
जिन सपनो को लेकर शोएब का परिवार कोटा आया था अब जल्द ही वो साकार हो पाएंगे और शोएब अपनी खिदमात देश और कम्युनिटी को दे पाएंगे . हालांकि अभी डॉ बनने तक काफी मराहिल हैं लेकिन उनके आसान होने सभी असबाब अब शोएब के पास खुद ही मोहय्या हो गए हैं . टाइम्स ऑफ़ पीडिया ग्रुप अपनी नेक खुअहिशात और तमन्नाएँ शोएब , उसके परिवार के लिए नेक रखता है . और उनकी दोनों जहां की कामयाबी कि दुआ करता है .
?साथ ही Times Of Pedia (TOP) NEWS GROUP, सर्वोदय एजुकेशनल ग्रुप के चेयरमैन जनाब ए जी मिर्ज़ा, निदेशक डॉ अज़हर मिर्ज़ा व् मज़हर मिर्ज़ा को ख़ुसूसी मुबारकबाद पेश करता है .तथा सम्पूर्ण सर्वोदय परिवार की कोशिशों को सलाम करता है और एलन कोचिंग को उनके पूरे मैनेजमेंट को बहुत बहुत बधाई पेश करता है ?
NEET 2016 के राष्ट्र स्तरीय परिणामों में अपना स्थान बनाने के बाद Allen कोटा लगातार अपना कीर्तिमान स्थापित करने में एकाग्रता , कर्मठता और इन्साफ से लगा हुआ है , और ज़ाहिर है इस बार 2020 उनका रिजल्ट पिछले वर्षों से भी कई दर्जा बेहतर रहा है और उनके शोएब ने नया कीर्तिमान बनाकर उनको रातों रात सफलता के उस मक़ाम तक पहुंचा दिया है जिसका उनको भी आभास न होगा .अब उनके पूरे स्टाफ और Management के भी चेहरे आफ़ताब (सूर्य ) की तरह खिले हुए हैं .
चलिए अब ज़रा हम समझते हैं की Rank 1 की Chronology , अगर National Eligibility Test में 2 students के अंक बराबर हों तो रैंक 1 किसको मिलेगी ? शोएब का रिजल्ट 100 फीसदी रहा है और उन्हें 720 में 720 नंबर मिले हैं. हालांकि दिल्ली की आकांक्षा सिंह का भी रिजल्ट 100 परसेंट रहा और उन्हें भी 720 नंबर मिले पर वो नीट परीक्षा की टॉपर नहीं बन सकीं. आकांक्षा का ऑल इंडिया रैंक 2 है.
लेकिन ऐसा क्यों हुआ ?
इसका जवाब है NEET परीक्षा को संचालित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ( NTA) की टाई ब्रेकिंग पॉलिसी. यानी कि जब दो विद्यार्थियों के अंक बराबर हों तो पहला टॉपर किसे घोषित किया जाए. इसी
एक अधिकारी ने बताय कि ओडिशा के शोएब आफ़ताब और दिल्ली की आकांक्षा सिंह दोनों ने 720 नंबर हासिल किए, लेकिन चूंकि आफताब की उम्र ज्यादा है इसलिए उन्हें नेशनल रैंकिंग में टॉप पर रखा गया है. NTA टाई ब्रेकिंग की स्थिति में टॉपर का निर्धारण करने के लिए Subjectwise हासिल किये गए मार्क्स ,Student की उम्र, और गलत उत्तरों की संख्या को ध्यान में रखकर टाई ब्रेकिंग पॉलिसी बनी जाती है
NTA की टाई ब्रेकिंग Policy क्या है ?
एनटीए की टाई ब्रेकिंग पॉलिसी को विस्तार से समझाते हुए एक अधिकारी ने कहा, ‘परीक्षार्थी की रैंकिंग का निर्धारण सबसे पहले जीव विज्ञान और रसायन शास्त्र में मिलने वाले नंबरों के आधार पर होता है, लेकिन अगर इस स्थिति में भी रैकिंग का निर्धारण नहीं हो पाता है तो गलत सवालों के जवाब को ध्यान में रखकर रैंकिंग बनाई जाती है. इसके बाद उम्र के आधार पर रैंकिंग का निर्धारण होता है, तो यहाँ सभी मानकों में शोएब का Rank 1 ही रहा जबकि कुल मार्क्स आकांक्षा सिंह को भी 720 ही मिले हैं .
अपने पाठकों को बता दें NEET परीक्षा में 4 बच्चों को 720 में से 715 नंबर मिले. लेकिन इसी पॉलिसी के आधार पर तुम्माला स्निक्ता (तेलंगाना), विनीत शर्मा (राजस्थान), अमृषा खेतान (हरियाणा) और गुथी चैतन्य सिंधू को क्रमश: तीसरी, चौथी, पांचवीं और छठी रैंक मिली है.