दुनिया के लगभग सभी देशों में प्रसिद्द 100 वर्ष पुरानी तब्लीग़ जमात के नाम से तहरीक कोई नई नहीं है , इस तहरीक का मक़सद तमाम इंसानो को अपने ख़ालिक़ , मालिक से जोड़ने और मुख्यतय मुसलमानो को बुनियादी मज़हबी duties को पूरा करने के लिए प्रेरित करना होता है .देश के लगभग सभी हुक्मरान का सहयोग और आस्था मरकज़ से जुडी रही है ,साथ ही देश और दुनिया में इसको इज़्ज़त की नज़र से देखा जाता है .
इस जमात का मानना है , मुसलमानो के सामाजिक , आर्थिक , नैतिक या राजनितिक सभी प्रकार के मसलों का हल अपने बनाने वाले रब के आदेशों के पालन में है , जमात की मांन्यता है कि हालात को हालात से नहीं बदला जा सकता बल्कि हालात को रब चाहे आमाल (कर्मों ) को नबी के तरीकों से करने से ही बदला जा सकता है.
और साथ ही जमात मानती है कि मानवता की सबसे बड़ी सेवा यह है कि उसको अपने रब से माँगना सीखा दो , जबकि जमात किसी तरह के राजनितिक पाखण्ड या उठा पटक से अपने को दूर रखना चाहती है .मगर धरती पर इन्साफ और हक़ आये ,बराबरी और मानवता आये इसके लिए रास्त (परोक्ष ) तौर से सोचती है और दुआ करती है .
तब्लीग़ जमात कि यह भी मांन्यता है ,अगर मुसलमान अपने रब चाहे आमाल पर आजाये तो दुनिया में अम्न आ सकता है . बाक़ी ना फरमानो के लिए जहन्नुम रखी गयी है . और इस जमात के बारे में एक और मशहूर बात है कि यह जमात ज़मीन से नीचे यानी क़ब्र की बात करती है या फिर आसमान के ऊपर यानी परलोक (आख़िरत ) कि बात करती है , लिहाज़ा इनका दुनिया की राजनीती से प्रत्यक्ष कोई सम्बन्ध नहीं है . इसको लेकर कई दूसरी Religious तंज़ीमें और मुस्लिम अवाम भी खफा रहते हैं .
ऐसे में आज जब पूरी दुनिया corona virus कि महामारी से जूझ रही है जिसमें अमेरिका , इटली , इंग्लैंड , स्पेन , फ्रांस और ईरान जैसे बड़े देश शामिल हैं , जहाँ मरकज़ निजामुद्दीन वाला Issue ही नहीं है तो वहां कैसे इस virus का संक्रमण प्रलय का रूप ले गया . दरअसल इस संबंद्ध में शासकीय स्तर पर भी काफी चूक हुई है जिसको छुपाने का एक मौक़ा मिला है मरकज़.
दुनिया में कहीं भी ऐसा नहीं हुआ की रातों रात 100 % locdown किया गया हो . कहीं ७ दिन का वक़्त दिया गया कहीं ३ दिन तो कहीं ४ दिन .lockdown अच्छा क़दम है किन्तु without planning सफलता देर से मिलने कि आशंका बानी रहती है , जिसकी वजह से देश में भुकमरी से होने वाली मौतों की खबर लगातार आरही है .
देश भर को PPE यानी Personel Protect Equipments सप्लाई करने वाली कंपनी को lockdown के चलते सप्लाई में भारी दिक़्क़त का सामना है , हालत यह है की हमारा देश 10 लाख लोगों पर सिर्फ 32 लोगों का ही corona test कर पा रहे हैं जो चिंता जनक है .
lockdown महामारी का एक हल हो सकता है मगर तैयारी और planning के साथ . हमारे पास महारष्ट्र से हरयाणा मेवात के लिए निकले २३ ड्राईवरों की की lockdown में मरने की सूचना है , 4 लोगों की पुणे में मरने की खबर है और बाक़ी 50 से ज़्यादा की खबर पहले समाचारों में चल रही हैं . यानी अगर यह lockdown 3 दिन का समय देकर होता तो स्तिथि काफी सकारात्मक हो सकती थी .
उदाहरण के लिए Lockdown के दौरान 2 घटनाएं
इसी Lockdown के चलते गाढ़ी लाजपतनगर दिल्ली वासी AK SONI (AJAY KUMAR SONI) South EAST E PASS 1 , 8595246396 ,South East E Pass 2 Ph 8595258871 ने अपने पिता श्री देवी सरन और माता श्री सुमित्रा देवी जी को तत्काल हॉस्पिटल admit करने के लिए Application लगाई .
उनके पिता को ५ रोज़ से बुखार , और खांसी है उनको शक है कोई खुदा न करे इन्फेक्शन न हो इसी लिए Curfew Paas ऑनलाइन अप्लाई किया whatsapp पर भी किया मैसेज मिला आपकी Request प्राप्त होगई है 28 मार्च को दर्ख्वस्त दी गयी थी 01 अप्रैल खबर लिखे जाने तक paas नहीं मिला है .
एक दूसरी घटना ओखला के एक साहब की है जिनका इलाज ग़ाज़ियाबाद के मशहूर और Qualified हकीम अनवारुल हक़ का चल रहा है ,मरीज़ खुद चलने में असमर्थ हैं साथ में किसी की सहायता ली और जैसे तैसे करके निकले ,29 मार्च को दवा ख़त्म होगई थी मसला सिर्फ दवा का नहीं था बल्कि हकीम साहब का कहना था मुझे उनकी नब्ज़ देखनी है इसलिए उनका आना ज़रूरी है .
हकीम साहब का दवा का परचा लेकर निकले पुलिस थोड़ी दूर पर ही रोका और पूछा इन्होने बता दिया , कहा डॉ का परचा दिखाओ इन्होने परचा दिखा दिया , बोले यह तो उर्दू में है , मरीज़ ने कहा दवा और मर्ज़ ही तो उर्दू में लिखा है बाक़ी Dr का नाम और Address तो हिंदी में है . कहा नहीं पास लेकर आओ तभी जासकते हो , दवा और मरीज़ भी उर्दू हिंदी में बांट दिए गए क्या होगा इस सोच का ?
अब पास तो बनने में एक एक हफ्ते का वेटिंग है बताएं क्या यह locdown के दौरान की वयवस्था सही है . ऐसे सैंकड़ों वाक़ियात सामने आरहे हैं .इसी लिए कहा जा रहा है की पहले इसकी वयवस्था करनी थी फिर curfew लागू होता .
और सरकारी तंत्र ख़ास तौर से पुलिस प्रशासन को भी चाहिए की वो ऐसे मौके पर मरते को 10 डंडे न देकर कोई और तरीक़ा ढूंढे जिससे देश के ग़रीब और भूखे नागरिकों पर खाली पेटों पर लट्ठ न पड़ें ,जैसे अगर कोई 2 व्हीलर से है तो उसकी गाडी ज़ब्त करलें licence ज़ब्त करलें या कोई और तरीक़ा निकालें . जगह जगह से पुलिस की लाठी चलती दिखाई दे रही है इन ग़रीब भारतियों पर .
दूसरी बात 22 Mar की रात को PM मोदी की lockdown के फरमान के बाद मरकज़ के लिए आने वाली जमातों की आवा जाहि को तुरंत कैसे रोका जा सकता था जबकि वहां Hightech उपकरणों का उपयोग वहां के प्रबंध को चलाने के लिए भी नहीं होता है .अगर होता भी तो कैसे लोगों को सड़कों पर डंडे खाने के लिए छोड़ दिया जाता , फिर PM साहब का फरमान भी तो मानना ज़रूरी था .
लिहाज़ा जो जमातें मरकज़ के लिए निकल चुकी थीं वो यहाँ पहुंचकर यहीं फस गईं , जबकि मरकज़ निजामुद्दीन के कुछ ज़िम्मेदारों ने तुरंत लोगों को अपने अपने स्थानों पर पहुँचाने के लिए नज़दीकी थाने से राबिता साधा . SHO निजामुद्दीन ने सभी लोगों के राज्यों की तफ्सील मरकज़ की ओर से मांगी वो पुलिस को देदी गयी .
इसके बाद इस पूरी व्यबस्था को जल्द ही करने का पुलिस द्वारा आश्वासन दिया गया किन्तु कर्फ्यू पास वग़ैरा की formality में काफी समय लगने की बात सामने आई. जिसके चलते मरकज़ में आये लोग जम्मू के कटरा विष्णु देवी मंडी के श्रद्धालुओं की तरह तथा दुसरे सामूहिक ग्रहों या निजी तौर पर गए लोगों की तरह फस गए .मरकज़ कर्मियों की माने तो प्राथमिक रिपोर्ट्स के अनुसार मरकज़ से ले जाए गए लोगों की टेस्टिंग की रिपोट्र्स कुछ को छोड़कर सभी की नेगेटिव रहीं .
लेकिन इस पूरे प्रकरण में तब्लीग़ी जमात की ओर से दिल्ली प्रशासन को दी गयी सूचना के अनुरूप काम नहीं हुआ , मरकज़ प्रशासन की ओर से सभी काग़ज़ी कार्रवाई पूरी करदेने की बात सामने आई है .साथ ही लोक् डाउन का भी पूरा पालन किया गया .
मरकज़ में रुके सभी लोगों की पूरी सूचना पुलिस प्रशासन और दिल्ली सरकार को 23 Mar से ही बराबर दी जा रही थी उसके बाद भी सरकार और प्रशासन की ओर से पूरे मामले में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया जाना अनुचित बताया जा रहा है , यह पूरी जानकारी सोशल मीडिया और कुछ निजी लोगों के माध्यम से दी गई .
हमारा मानना है कि जमात में ऐसे लोग मौजूद हैं जो अल्लाह के क़रीबी हैं और दुनिया के लगभग सभी देशों में जमात का काम जारी है और हर वर्ष लाखों का मजमा तब्लीग़ी जलसों में आता है दुनिया भर में करोड़ों इस जमात के followers हैं , और यह काम नबियों वाला काम है इसका दावा भी है .
तो ऐसे में जमात की शूरा (advisory committee ) से इसकी आशा की जाती है इनको सरकार के lockdown से पहले ही एहतियाती क़दम लेते हुए सभी जमातों को रोक देना था .अब जिस प्रकार से प्रकरण सामने आया और जिसका इंतज़ार कुछ तत्वों को रहता है उससे अच्छा मैसेज नहीं गया . हालांकि मरकज़ इंतजामिया को फिलहाल संतुष्टि इस बात की है की उनके तरफ से सभी ज़रूरी संवैधानिक क़दम उठाये गए थे .
इसके विपरीत जम्मू के कटरा के इलाक़े में वैष्णो देवी के दर्शन पर गए 400 श्रद्धालुओं को शासन तथा प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए सभी सुविधाएँ श्द्धालुओं को उपलब्ध करा दी गईं .और इसपर किसी प्रकार की कोई रिपोर्टिंग नहीं की गयी .
वहां कितने लोगों को संक्रमण हुआ या नहीं हुआ इसका कोई समाचार नहीं है , जबकि उन सबकी भी टेस्ट होना देश के हित में है , होना चाहिए और उसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक की जानी चाहिए , बल्कि सभी ऐसे सामूहिक स्थानों पर रहने वालों की टेस्टिंग होनी चाहिए जहाँ बाहर से लोगों की आवा जाहि की आशंका हो जैसे , वृद्ध आश्रम , विधवा आश्रम , बाल आश्रम , मुसाफिर खाने इत्यादि .
साथ ही Noida स्थित Ceasefire कंपनी में विदेशी यात्रिओं की खबर के साथ वहां बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें लगभग 20 लोगों को corona Positive आया जिसपर योगी स्वयं Noida पहुंचे लेकिन उनका गुस्सा सिटी DM बी एन सिंह पर फूटा , उनपर झल्लाते हुए CM मोदी ने काफी उल्टा सीधा कहा जिससे नाराज़ B N Singh (IAS) ने 3 माह की छुट्टी की मंज़ूरी मांगी , दर्ख्वस्त न मंज़ूर कर दी गई , Luckhnow बुलाया गया और वहां उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गयी .
जबकि B N Singh (IAS) के बारे में पता चला है अपनी ड्यूटी के प्रति बहुत वफादार , सच्चे और न्यायपूर्ण अधिकारी रहे हैं पूरी सर्विस में कभी कोई रेड मार्क उनपर नहीं रहा है , noida में असामाजिक तत्वों के खिलाफ तुरंत एक्शन लेने के लिए मशहूर B N Singh को उनकी ईमानदारी की सजा बताया जा रहा है , जैसा की आम तौर पर होता है .
My Dear गोदी मीडिया और whatsapp यूनिवर्सिटी के क़ाबिल studendts उस वक़्त कहाँ थे जब जब noida की इस कंपनी में 5 Star पार्टी चल रही थी जिसके चलते पूरे राज्य पर महामारी का खतरा मंडराने लगा .
मीडिया कर्मियों को अपनी ज़िम्मेदारी , पत्रकारिता को अपना धर्म समझकर निभानी होगी अन्यथा याद रहे दुनिया में फैलने वाली सारी भ्रांतियों और फसाद का उत्तरदायित्व आपके ऊपर ही जाएगा,जो आज भी है .
और जब दुनिया की तबाही की तारिख लिखी जा रही होगी तो इसमें आप जैसे मीडिया कर्मियों और संस्थाओं नाम सबसे ऊपर होगा और आने वाली नस्लें आपको जल्लाद के नाम से पुकारेंगी .इस महामारी को जो दुनिया को अपना लुक़मा बनाने की ओर बढ़ रही है और आप इसको भी अपनी TRP बढ़ाने और no . 1 बन जाने की चाहत में गिरते ही चले जा रहे हैं आखिर क्या है आपकी हद ?
यहाँ बेशक चाटुकारिता से २ रोटी घी चुपड़ी मिल जायेगी किन्तु परलोक भी है और तुम्हारी औलाद भी इसी समाज का हिस्सा है . क्योंकि इस धरती पर सिर्फ ग़रीब का ही मकान थोड़ी है , इसलिए ज़द में आने से बचो मेरे मीडिया मित्रों . ज़रा सम्भलो , सोचो और रुको इस घिनावनी पत्रकारिता से जिससे शर्म आने लगी है आपकी बरादरी को खुद को पत्रकार बताते हुए . @timesofpedia