भारतीय करेंसी पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीरें छपी जाएँ , हिन्दू कार्ड खेलने में अरविंद केजरीवाल की AAP भाजपा से २ गज़ आगे
अगर बीजेपी कांग्रेस मुक्त भारत बना पाई तो हिंदुत्ववादी बीजेपी पार्टी के विकल्प और विरोधी के रूप में आम आदमी पार्टी को जगह मिल सकती है
दरअसल भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भारतीय करेंसी की स्थिति को सुधारने के लिए रिज़र्व बैंक नोट पर लक्ष्मी की तस्वीर छापने की वकालत केजरीवाल से पहले कर चुके हैं।
अब जबकि गुजरात चुनाव दिलचस्प मोड़ पर आ पहुंचा है ऐसे गुजरात चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार से भारतीय करेंसी पर गणेश-लक्ष्मी की फोटो लगाने की मांग कर डाली है। केजरीवाल से इस हिंदू कार्ड से भाजपा के एजेंडे में इसको सेंधमारी के रूप में देखा जा रहा है।
आपको याद होगा इससे पहले भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भारतीय करेंसी की स्थिति को सुधारने के लिए बैंक नोट पर लक्ष्मी की तस्वीर छापने की वकालत कर चुके हैं।
आपको यह भी बता दें पिछले तीन साल में अरविन्द केजरीवाल ने सात मौक़ों पर सीधे तौर से भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे में सेंधमारी की है , जिससे बीजेपी खुद हैरान है ।
आपको यह भी याद होगा जब अगस्त 2019 में केंद्र की मोदी सरकार ने ऐतिहासिक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 लाकर जम्मू कश्मीर राज्य से संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया .
तब केंद्र सरकार के इस कदम का कई विपक्षी दलों ने विरोध किया था लेकिन AAP प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सर्कार के इस कदम का समर्थन किया था ।
इसके बाद फरवरी 2020 में केजरीवाल ने घोषणा की थी कि वह एक कट्टर हनुमान भक्त हैं , और यह मौक़ा था दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार का । दरअसल उससे पहले तक भाजपा केजरीवाल को हिंदू विरोधी के रूप में प्रचारित कर रही थी।
उस समय केजरीवाल ने अपना बचाव करते हुए न्यूज चैनल पर हनुमान चालीसा पढ़कर सुनाया ।और साबित किया की वे बीजेपी और RSS से भी ज़्यादा कट्टर हिन्दू वादी हैं |
दिल्ली की आप सरकार अपने शिक्षा मॉडल की तारीफ करती रही है जो सच भी है । मार्च 2021 में केजरीवाल कह चुके हैं कि वह अपने छात्रों को कट्टर देशभक्त बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने स्कूलों में देशभक्ति की कक्षाएं शुरू करने की भी बात कही थी।
आपको याद हो तो मार्च २०२१ में केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा सत्र के दौरान कहा था कि उनकी सरकार दिल्ली में राम राज्य का मॉडल स्थापित करने का प्रयास कर रही है।अब वो कितना सही राम राज होगा देखना बाक़ी है |
मार्च 2021 में ही अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों से वादा किया है कि जब अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा, तब वह उन्हें राम मंदिर की मुफ्त तीर्थयात्रा कराएंगे। अब यह मुफ़्त तीर्थ यात्रा केजरीवाल के अपनी जेब से होगी या सरकारी ख़ज़ाने से ?
नवंबर 2021 केजरीवाल और उनके साथियों ने दिवाली पर भव्य पूजा का आयोजन किया था। इस आयोजन में एक पंडाल दिखाया गया जो अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का नमूना था। ज़ाहिर है एक हिन्दू के नाते वो निजी Programme में ऐसा करने का अधिकार रखते हैं
इसके अलावा भी अगर आप देखें तो मई 2022 में केजरीवाल ने वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी इस साल के अंत में होने वाला गुजरात का विधानसभा चुनाव जीतती है, तो राज्य के हर बुजुर्ग को अयोध्या की तीर्थ यात्रा पर ले जाएंगे।
तो अरविन्द केजरीवाल एक हिंदूवादी नेता हैं इससे इंकार नहीं किया जा सकता . मगर यह भी सही है अभी वो दुसरे वर्गों या समुदायों के मज़हब को बुरा कहने से गुरेज़ करते हैं. यह नीति वो अपने राजीनीतिक जीवन में कब तक अपनाएंगे कहना मुश्किल है .
मगर यह सही है कि अगर बीजेपी कांग्रेस मुक्त भारत बना पाई तो हिंदुत्ववादी बीजेपी पार्टी के विकल्प और विरोधी के रूप में आम आदमी पार्टी जगह मिल सकती है . हालाँकि देश को कांग्रेस मुक्त करना क़रीने क़यास (परिकल्पना भर ) है .