हकीम अजमल खान साहब के जन्म दिन के अवसर पर 12 फरवरी 2023 दिन रविवार को , कंस्टीटूशन क्लब दिल्ली में सुबह ११ बजे
ख़िदमत इ ख़ल्क़ इबादत है ….
सेवा परमो धर्म :
पिछले एक दशक से देश भर में घूम घूमकर आल इंडिया तिब्बी यूनानी कांग्रेस AIUTC , Unani आपके द्वार के उन्वान पर इंसानियत की ख़िदमत में मसरूफ है . और तिब्बी यूनानी कांग्रेस यह अमल बिला तफ़रीक़ (निष्पक्ष भाव से ) अंजाम दे रही है . यहाँ तक की वो यूनानी के फ्री कैम्प्स मंदिरों और मठों में भी आयोजित करते रहे हैं .
यूनानी की बेलौस इन सेवाओं से प्रभावित होकर या मजबूर होकर कह लें , केंद्र सरकार ने सफ़दर जंग अस्पताल में Unani का सेंटर क़ायम किया था . जहाँ से सैकड़ों मरीज़ रोज़ाना के हिसाब से लाभ हासिल कर रहे हैं .और यह क़दम देश के लिए बड़े धरोहर साबित हुआ .
यूनानी तरीक़ए इलाज के फ़ायदे दुनिया को दुबारा से समझ आ रहे हैं हैं . इसके लिए यूनानी पैथी के फ़रोग़ के लिए काम करने वाली कुछ संस्थाएं हैं जिनको इस कामयाबी का श्रय जाता है ,उनमें AIUTC नुमायां है .
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सेवा परमोधर्म को अपना मक़सद बनाया यूनानी कांग्रेस ने
बेशक ज़्यादा कोशिशों के बाद थोड़ी कामयाबी मिली लेकिन एक रोज़ सेवा के इस अमल से बड़ी कामयाबी भी सामने आएगी लेकिन उसके लिए सिलसिला क़ायम रहना बहुत ज़रूरी होगा .
और साथ ही Unani दवाएं बनाने वाली कंपनियों को किसी भी हाल में दवाओं की गुणवत्ता और शुद्धता से कोई समझौता नहीं करना होगा . ईमानदारी से Unani को फ़रोग़ देना होगा . क्योंकि Unani सिर्फ एक तरीक़ए इलाज ही नहीं बल्कि इसका सम्बन्ध मज़हबियात से भी है . और कारगर नब्ज़ बाज़ी खुद आध्यात्म या रूहानियत के ज़रिये ही मुमकिन है.
Invitation for the event
यूनानी में सेवा के इसी मिशन को लेकर पूरे देश में घर घर यूनानी के नारे के साथ अलग अलग कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं . ऐसा ही एक बड़ा कार्यक्रम हकीम अजमल खान साहब के जन्म दिन के अवसर पर 12 फरवरी 2023 दिन रविवार को , कंस्टीटूशन क्लब दिल्ली में सुबह ११ बजे आयोजित किया जा रहा है .
नीचे लिंक पर रूहानियत हासिल करने के लिए जा सकते हैं
https://www.youtube.com/watch?v=fppYLHF_M0w&t=58s
आपको याद दिला दें इसी सम्बन्ध में जनवरी 2022 में स्वतंत्रता सेनानी मरहूम हकीम अजमल खां द्वारा देश के विकास में दिए गए योगदान को याद किया गया था । सेमिनार के बाद सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था .
जिसमें दिल्ली सरकार से मांग की गई थी कि हकीम अजमल खां द्वारा करोलबाग में स्थापित ए एंड यू तिब्बिया कॉलेज को हकीम अजमल खां आयुष विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया जाये | लेकिन इस सम्बन्ध में सर्कार द्वारा क्या क़दम उठाये गए इसकी कोई जानकारी हमारे पास नहीं है . हालाँकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में तत्काल क़दम उठाने की ज़रुरत है .
क्योंकि तिब्बिया कॉलेज के पास 33 एकड़ से ज्यादा अपनी जमीन है और वह 102 वर्ष पूरे कर चुका है। स्वस्थ्य भारत बनाने में तिब्बिया कॉलेज का भरपूर योगदान रहा है .
इसलिए उसका यह अधिकार बनता है कि उसे विश्वविद्यालय के रूप में तरक्की देकर तत्काल मान्यता दी जाए। केंद्र सरकार का यह क़दम Unani के साथ देशहित में होगा .
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