(अपनी लीडरशिप की ज़रूरत से इनकार ज़ेहनी ग़ुलामी की इन्तिहा और अपनी तारीख़ से नावाक़फ़ियत है) इन्सान जब अपने बुलन्द ...
Read More »Category Archives: Editorial & Articles
Feed Subscriptionमिल्ली जमाअतों और तंज़ीमों को प्रेस रिलीज़ से आगे बढ़ना चाहिये
(हिकमत और मस्लिहत जब हद से गुज़र जाती है तो बुज़दिली और कम हिम्मती की हदों में दाख़िल हो जाती ...
Read More »कि अकबर नाम लेता है ख़ुदा का इस ज़माने में
(उमर गौतम के बाद मौलाना कलीम सिद्दीक़ी की गिरफ़्तारी, यानी भारत बहुसंख्यकवाद की तरफ़ तेज़ी से जा रहा है) ख़ुदा ...
Read More »पंजाब : दो सिद्धू नेताओं के बीच फस गई कांग्रेस ?
पंजाब के पटियाला के दो सिद्धू नेता पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कॉन्ग्रेस इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह ...
Read More »ये तो नहीं किसी पे भरोसा किया न जाए
‘हर चन्द ऐतिबार में धोखे भी हैं मगर, ये तो नहीं किसी पे भरोसा किया न जाए’ (तथाकथित सेक्युलर पार्टियों ...
Read More »BJP और ओवैसी की दोस्ती का राज़
अब्बा जान , चाचा जान के बाद इंतज़ार है भाईजान का , वैसे बजरंगी भाई जान मूवी तो आपने देखी ...
Read More »धर्मनिर्पेक्ष राष्ट्र में बहुसंख्यकवाद के ख़तरे
आख़िर वैध धर्मांतरण क्या है? दक्षिणपंथी संगठनों के तथाकथित नेताओं से लेकर न्यूज़ चैनल्स की स्क्रीन और अख़बार के पन्ने ...
Read More »क्या किसानो का पल्ला भारी है ?
कितना दिलचस्प और विचित्र था वो नज़ारा जब देश में बढ़ती साम्प्रदायिकता के बीच एक स्टेज से हर हर महादेव ...
Read More »हिन्दू-मुस्लिम सद्भाव: भविष्य की चुनौतियाँ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हाल में कहा था कि भारत में इस्लाम खतरे में नहीं ...
Read More »क्या भारत में धर्मनिपेक्षता अतीत का अवशेष बन गई है?
करोड़ों भारतीय आतुर थे कि हमारे देश के खिलाडी टोक्यो ओलम्पिक में शानदार प्रदर्शन करें और अधिक से अधिक संख्या ...
Read More »