अक्षय कुमार अपनी आनेवाली फिल्म पृथ्वीराज की रिलीज के लिए पूरी तरह तैयार है. एक्टर ने हिंदी बनाम दक्षिण बहस पर अपने विचार साझा किए हैं. सुपरस्टार इस बात से सहमत हैं कि क्षेत्रीय ब्लॉकबस्टर की तुलना में बॉलीवुड में एक सूखा जादू चल रहा है.
अक्षय का कहना है कि उन्होंने अपनी फिंगर क्रास की है और उम्मीद है कि चीजें अच्छे के लिए बदल जाएंगी और हर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर काम करेगी.
अक्षय कुमार ने भाषा की बहस पर अपना विचार आगे जारी रखा और कहा, “देखिए, मैं इस बंटवारे में विश्वास नहीं करता. मुझे इससे नफरत है जब कोई कहता है, ‘दक्षिण इंडस्ट्री और उत्तर इंडस्ट्री.’ हम सब एक इंडस्ट्री हैं. मेरा यही मानना है. मुझे लगता है कि हमें यह सवाल पूछना भी बंद कर देना चाहिए.
“अभिनेता ने यहां तक कहा कि हमने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा. अंग्रेजों ने भी धर्म और भाषा के आधार पर लोगों को बांटने का फायदा उठाया. अक्षय कुमार ने कहा, “यह समझना महत्वपूर्ण है … हमारे पास कठिन समय था … हमारा बेड़ा गर्क हुआ था जब ब्रिटिशर्स आ के बोलते थे ‘ये-ये है और वो-वो.” उन्होंने हमें अलग किया और हमने इससे कभी नहीं सीखा. हम अभी भी इस हिस्से को नहीं समझते हैं. जिस दिन हम यह समझने लगेंगे कि हम एक हैं, चीजें बेहतर हो जाएंगी.
अक्षय कुमार ने यह भी कहा कि यह बहस एक बड़ा घेरा बन गया है जिसे रोकना होगा. उन्होंने कहा, “हम खुद को एक उद्योग क्यों नहीं कह सकते हैं, और हमें इसे ‘उत्तर या हिंदी’ कहकर विभाजित करने की आवश्यकता क्यों है? फिर वो भाषा की बात करेंगे, और फिर इस पर बहस होगी. हम सब की भाषा अच्छी है हम सब अपनी मातृभाषा में बात कर रहे हैं, और यह सुंदर है.