संभलःनेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को संभल यात्रा के दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस द्वारा रोक लिया गया .राहुल और उनके साथियों ने काफी देर तक संभल के पीड़ितों से मिलने के लिए पुलिस से बातचीत की. तकरीबन दो घंटे की मशक्कत के बाद उन्हें दिल्ली लौटना पड़ा.
इस पर सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि , राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं, उनका संवैधानिक अधिकार है उन्हें इस तरह से रोका नहीं जा सकता. उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए कि वो पीड़ितों से मिलने जाएं. उन्होंने यूपी पुलिस के साथ अकेले चले जाने की इजाज़त मांगी लेकिन इसको भी नहीं माना गया .जब राहुल गाँधी ने कहा यह मेरा संवैधानिक अधिकार है तो पुलिस के पास कोई जवाब नहीं था.
प्रवक्ता सुप्रीया श्रीनेत ने कहा कि, राहुल गांधी की यूपी के डीजीपी से बात हुई. उन्होंने कहा कि अकेले जाने को तैयार हूं. फिर भी जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है. ऐसे में संभल हिंसा के मामले में यूपी पुलिस की भूमिका संदिग्ध मालूम होती है.
डीजीपी से राहुल गांधी ने कहा अकेले हम जाने दें, फिर भी नहीं जाने दिया.यह सब हादसे की सच्चाई को छुपाने के लिए किया जा रहा है , सरकार को सच सामने आजाने का डर है. नरेंद्र मोदी मणिपुर नहीं जाते ,क्या वो राजनीति कर रहे हैं या वहां होने वाले नरसंहार से पल्ला झाड़ रहे हैं. सुप्रिया ने ने कहा अगर संभल जाना और देश के पीड़ित लोगों के साथ खड़ा होना राजनीति है तो ये राजनीति हम बार बार करेंगे.
राहुल गांधी संभल दौरे के लिए बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ दिल्ली से निकले. लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचते ही योगी की पुलिस ने रोक लिया. यहां काफी देर तक पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तनातनी हुई, अब राहुल गांधी ने पुलिस से कहा कि मैं आपकी गाड़ी में अकेले जाने को तैयार हूं, लेकिन मुझे संभल जाने दिया जाए.
संभल में हिंसा के बाद से 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगाई गई है. राहुल गांधी समेत कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए संभल जिला कलेक्टर ने अपने आस-पास के जिलों बुलंदशहर, अमरोहा, गाजियाबाद के डीएम को पत्र लिखा है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए मदद मांगी है. हालांकि कांग्रेस का कहना है कि संभल में धारा 163 लागू है ऐसे में प्रशासन को पांच लोगों के साथ, तो राहुल गांधी का एंट्री देनी चाहिए.