Editor’s Desk
Ali Aadil Khan
पशुपालन करने वालों के लिए आई एक अच्छी खबर …
‘गोबर और गोमूत्र देश को आर्थिक रूप से सक्षम बना सकते हैं‘, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का दावा
वैसे तो हमारा देश प्राचीन काल से ही Medical Science में अग्रणी रहा है , बक़ौल हमारे PM साहब के सबसे पहली सर्जरी भारत वर्ष में ही हुई थी हाथी का सर काटकर इंसान के जिस्म से जोड़ दिया गया था वाक़ई यह बहुत बड़ी उपलब्धि रही अगर ऐसा हुआ था तो ….
दरअसल BJP शासित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि गोमूत्र और गाय के गोबर से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है.अगर रघुराम राजन भारत में हैं तो वो शिवराज के इस Idea को ध्यान से सुनें ,,,, और अगर शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ़ Bussiness में हैं तो वहां इस मैसेज को Circulate भी कर दें ताकि अमेरिका की आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके , क्योंकि वो भी हमारा दोस्त देश है , भला होजाये तो क्या बुरा है ….
बीते शनिवार को मामा शिवराज ने भोपाल में इंडियन वेटनरी एसोसिएशन की महिला विंग के कन्वेंशन को संबोधित करते हुए यह दावा किया है . इसी दौरान उन्होंने कहा, ‘गाय के गोबर और गोमूत्र से हम चाहे तो खुद की भी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर सकते हैं और देश आर्थिक रूप से सक्षम बना सकते हैं.वैसे अगर यह काम 2024 से पहले कर लिया जाए तो पार्टी के लिए बड़ी सफलता होगी और देश की भी मोजां ही मोजां …..
अगर वास्तव में ऐसा संभव था तो अब तक पिछली सरकारों ने इसपर Research क्यों नहीं किया ? ज़ाहिर है वर्तमान सरकार की कोशिशों से यह मुमकिन हो पाया और वैसे भी मोदी है तो मुमकिन है वाली बात यहाँ सच होती दिखाई देती है ….मार्किट में नाली से गैस Project शायद पूरा होगया होगा और नाली के कनारे पकोड़ा बनाने वाले उसका प्रयोग कर ही रहे होंगे , मगर हमारी निगाह से ऐसा कोई ठेला गुज़रा नहीं ,
होसकता है चूक होगई हो हमसे ……..
लेकिन फिलहाल गोबर और गोमूत्र से आर्थिक स्थिति को सँभालने में अब कोई चूक नहीं होनी चाहिए , और Ministry Of MSME तुरंत संज्ञान लेकर New India के Skill india Project को सहयोग देने में तत्काल आगे आएं ,पिछली सरकारों ने पहले ही काफी समय नष्ट कर दिया है ….लेकिन वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्री गोबर और गोमूत्र का उचित उपयोग करने में अब देरी नहीं करेंगे ऐसी आशा की जाती है ….
CM शिवराज सिंह चौहान के इस दावे के बाद RBI के वर्तमान Governor तो काफी खुश होंगे …. और होना भी चाहिए बात आर्थिक मामलों की है , कोई सियासी बात तो है नहीं चूंकि सियासत तो विपक्ष करता है हर मामले में ,, ख़ैर…. दिल चाह रहा था इस पूरे समाचार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बेटे से उनका नजरिया जाना जाए मगर उनका कोई Contact No . हमारे पास नहीं था इसलिए ऐसा मुमकिन न होसका , वैसे उनका जवाब इस बारे में क्या होता आप जानते ही हैं और हम भी जानते हैं , बस उनकी जेब में रूमाल होना चाहिए , जब हम गोबर की बात कर रहे हों ..हालाँकि उनकी आस्था के मुताबिक़ गोबर एक पवित्र चीज़ है रुमाल की कोई ज़रुरत पड़नी तो नहीं चाहिये ……
ऐसा पेहली बार नहीं है जब गोमूत्र और गोबर के सम्बन्ध में भारत के Intellectuals की राये आई है इससे पहले भी वर्तमान सरकार के कई बड़े नेता गोबर और गोमूत्र को इंसान के लिए उपयोगी बताते रहे हैं . और कोरोना जैसी भयानक बीमारी का इसमें इलाज है का दावा भी करते रहे हैं….
जबकि गोबर और गो मूत्र के इस मामले में भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) की महिला शाखा की अध्यक्ष और अहमदाबाद गुजरात की मारूफ Senior डॉ० मोना देसाई ने इस इलाज को ‘पाखंड और अप्रमाणित’ बताया। उन्होंने कहा कि उपयोगी साबित होने के बजाए गाय के गोबर से आपको म्यूकोर माइकोसिस समेत दूसरे संक्रमण हो सकते हैं।
IMA यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.ए. जयलाल का कहना है कि इससे उपचार मिलने की जगह स्वस्थ्य लोगों को बड़े खतरे होने की संभावना है , जैसे इससे जानवरों को होने वाली बीमारियां इंसानों में भी फैल सकती है।
19 Dec 2020, को NBT और जनसत्ता के अलावा कई दुसरे अख़बारों में एक समाचार प्रकाशित हुआ था ….गाय के गोबर और गोमूत्र से आत्मनिर्भर बनेंगे वाराणसी के युवा, यह है पूरा प्लान
यूपी में गो संरक्षण के लिए योगी सरकार ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है। गाय के गोबर और गोमूत्र से अब वाराणसी के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का खाका सरकार ने बना लिया है। वाराणसी में जल्द ही ट्रेनिंग सेंटर के जरिए युवाओं को गाय के गोबर और गो मूत्र से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
इससे पहले गोबर की खाद से फसलों की अच्छी पैदावार होने और घरेलु बिजली उत्पाद के प्लांटस भी लगाने का अनुभव तो हमारा भी रहा है जिसकी कोई खबर नहीं होती थी ब्लॉक स्तर पर ये काम चलते रहते थे … …………..लेकिन गोबर और गो मूत्र से बीमारियों का इलाज New India का अविष्कार है और इसका श्रेय वर्तमान सरकार को जाना चाहिए या कम से कम सराहना तो होनी ही चाहिए . लेकिन उसके लिए आंकड़ों की ज़रुरत पड़ेगी , सो वो भी कोई मुश्किल काम नहीं हैं वर्तमान में तो सब कुछ मुमकिन है ….. …
आत्म निर्भर भारत के सपने को साकार करने का एक और सुनेहरा मौक़ा , गुजरात की तर्ज पर अब यूपी में भी गाय के गोबर से पूजा के सामान के साथ ही घरेलू सजावट के सामान तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा गो मूत्र से बायो फर्टिलाइजर और वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन भी किया जाएगा। बताते चलें कि गुजरात के कई शहरों में गाय के गोबर से घड़ी, फूलदान, पेन स्टैंड के अलावा अन्य सजावट के सामानों के साथ ही धूप, अगरबत्ती, थाली, दीपक जैसे पूजा के सामानों को तैयार किया जाता है। गुजरात के गोबर वाले मॉडल और फॉर्म्युले को अब यूपी में आजमाया जाएगा और युवाओं को इससे आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
इस पूरी technology का पाठ देने वाले किस यूनिवर्सिटी से फ़ारिग़ होंगे उनका अभी कोई को और किस नहीं है किन्तु इतना ज़रूर है की ये OLD INDIA नहीं बल्कि NEW INDIA की ही किसी यूनिवर्सिटी के फ़ारिग़ विद्यार्थी होंगे .
‘जल्द शुरू किए जाएंगे कैम्प‘
वाराणसी में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष डॉ बल्लभ भाई कठेरिया ने दो दिनों तक प्रवास कर BHU के Vice Chancelor और विभिन्न सामाजिक संगठनों और अधिकारियों संग बैठक कर विस्तार से इसपर चर्चा की है। इस बैठक में वाराणसी में युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए जल्द से जल्द ट्रेनिंग कैम्प शुरू करने की बात भी कही गई।
सीएम ने यह भी कहा कि उनके राज्य में श्मशान घाटों में कोशिश हो रही है कि लकड़ी कम से कम जले. लकड़ी की जगह गोबर से बनाई गई गो–काष्ठ का उपयोग बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है. इससे एक तरफ गौ–शालाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं. वहीं लोगों को आर्थिक लाभ भी मिल रहा है.
बता दें, यह पहला मौका नहीं है, जब शिवराज सिंह चौहान ने इस तरह का कोई दावा किया है. इससे पहले उन्होंने पिछले साल गाय के दूध, गोबर और गौ मूत्र के उपयोग की बात कही थी. उन्होंने जोर देते हुए कहा था कि इनका यूज स्वस्थ समाज के लिए बेहद जरुरी है.
BJP के 2017 विधान सभा के चुनावी घोषणा पात्र में जिन वादों किया गया था उनमें आवारा पशुओं से प्रदेश के किसानो को रहत देना शामिल था जबकि आये दिन किसान इस बात की शिकायत करते मिलते हैं कि आवारा पशुओं से हमारी फसलों को बहुत नुकसान होरहा है खास तौर से नील गाये हमारी फसलों को बर्बाद कर डाल रही है किन्तु इस तरफ सरकार कि कोई तवज्जेह नहीं है .
दुसरे हर ज़िले में गोशालाओं का निर्माण और दूध क्रांति कि भी बात कही गयी थी लेकिन ये सब जुमले ही साबित हुए हैं . अब फैसला प्रदेश की जनता और मुख्यतय नौजवानों को तय करना है कि क्या वो गोबर और गोमूत्र के Bussines को सँभालने में रुचि रखते हैं या मोदी की skill India , Shine India , Digital India के सपनो साकार करने की ओर बढ़ेगी प्रदेश की जनता जब जो फैसला करना चाहे कर ले किन्तु सबसे पहले MP के मुख्यमंत्री की गोबर तथा गोमूत्र से देश की आर्थिक योजना का लाभ उठाने के बारे में एक बार ज़रूर सोच लें ..