ज़िले के खेल प्रेमियों मुख्यतय: कुश्ती के मैदान में खुशी की लहर
कुश्ती प्राचीन काल से ही भारत के परम्परागत लोकप्रिय खेलों में से रहा है
New Delhi//TOP News//Special Correspondent::देश तथा विदेश में समाज सेवी की हैसियत से अपनी पहचान बनाने वाले ज़ुबैदुर्रहमान खान उर्फ़ बब्बन मियां को भारतीय कुश्ती महा संघ का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है .भारतीय कुश्ती महासंघ देश के बड़े स्वायत्त संस्थानों में से एक है जो अपनी सेवाएं देश को समर्पित करता रहा है .
ग्राम चंदयाना जिला बुलंदशहर के निवासी बब्बन मियां गौ संरक्षक की हैसियत से अपनी सेवाओं के लिए प्रसिद्द रहे हैं .उनकी समाज तथा मानवतावादी सेवाओं से प्रेरित होकर भारतीय कुश्ती महासंघ ने उपाध्यक्ष की ज़िम्मेदारी सौंपी है , जिसको बखूबी निभाने के लिए बब्बन मियां भी वचन बद्ध हैं , बब्बन मियां ने कहा मैं, सांसद महोदय तथा भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह का आभार व्यक्त करता हूँ कि उन्होंने पूरे राज्य से इस ज़िम्मेदारी के लिए मुझे चुनकर नामांकित किया .
बब्बन मियां ने अध्यक्ष महोदय को आश्वस्त किया कि वे अपने ज़िले तथा पूरे प्रदेश से कुश्ती से सम्बंधित प्रतिभाओं और Talents को बेहतर सुविधाएँ देने का प्रयत्न करेंगे साथ ही समय समय पर कुश्ती प्रतियोगिताओं के आयोजन का प्रबंध करते रहेंगे .ताकि इस खेल के प्रति क्षेत्र में रुझान बढ़ाया जा सके और उनको Olympic खेलों के लिए प्रोत्साहित भी किया जा सके .
2019 विश्व चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कुश्ती को राष्ट्रीय खेल बनाने की मुहिम छेड़ने का फैसला लिया था ।इसी कड़ी में उन्होंने बब्बन मियां को यह ज़िम्मेदारी दी है . इसके बाद देश भर से बब्बन मियां को मुबारकबाद का सिलसिला भी शुरू हो गया है .और Federation भी बब्बन मियां को उपाध्यक्ष की ज़िम्मेदारी देकर मुत्मइन है कि इसके बाद प्रदेश में कुश्ती से सम्बंधित ग्रामीण प्रतिभाओं को उजागर करने , उनको प्रोत्साहन देने और सहयोग करने में Mr khan अपनी एहम भूमिका निभाएंगे .
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याद रहे ब्रजभूषण शरण सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के लगातार तीसरी बार निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। राष्ट्रीय महासंघ के किसी भी पद का कार्यकाल ३ वर्ष होता है ।
KISCE की स्थापना के पहले चरण में, खेल मंत्रालय ने भारत के आठ राज्यों में सरकारी स्वामित्व वाले ऐसे खेल सुविधा केन्द्रों की पहचान की है। ये राज्य हैं: अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, केरल, तेलंगाना, नागालैंड, कर्नाटक और ओडिशा। इन राज्यों में सरकारी स्वामित्व वाले ऐसे खेल सुविधा केन्द्रों की पहचान की गई है जिन्हें खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस में अपग्रेड किया जाएगा।
हाल ही में खेल मंत्रालय ने अपने फ्लैगशिप कार्यक्रम “खेलो इंडिया योजना” के तहत ,खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस यानी (KISCE) केंद्रों की स्थापना की है । इन केंद्रों को 67.32 करोड़ रुपये के समेकित बजट अनुमान के साथ वित्त वर्ष 2020-21 के लिए और बाद में ओलंपिक स्तर की प्रतिभाओं की पहचान करने के प्रयास में अगले चार वर्ष के लिए उन्नत किया जाएगा।
ऐसे में ग्रामीण प्रतिभाओं को उभरने और उनको राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्री स्तर तक पहुँचाने में फेडरेशन अपने कार्य क्षेत्र को बढ़ाने में मदद हासिल कर सकेंगी .