होशियार रहें अब शैतानी ताक़तें कोई और नया वायरस लेकर पहुँचने वाली हैं आप तक , शैतानी शक्तियों की योजना का एक हिस्सा यह है की वो पूरी मानवता को खौफ और दर तथा नफरत के माहौल में रखना चाहती है .
Corona से ज़्यादा खतरनाक है मलेरिया , जिससे हर वर्ष 70 करोड़ लोग होते हैं संक्रमित और २ करोड़ मर जाते हैं , लेकिन इसकी कोई चर्चा नहीं बल्कि इसका एक दिन तैय कर दिया गया जिसपर इस बीमारी को याद कर लिया जाता है और बस …
बरसात के बाद पैदा होने वाले मच्छरों से देश भर में हर वर्ष डेंगी , मलेरिया , चिकन गुनिया वग़ैरा जैसी भयानक बीमारियों का प्रकोप शुरू होजाता है जिसमें लगभग विश्व में लगभग ७० करोड़ लोग संक्रमित होते उनमें से २ करोड़ लोग मर जाते हैं , और यह प्रकिर्या हर वर्ष की है , इस बार भी होगी . लेकिन पूरी दुनिया रूटीन में अपनी प्रकिर्तिक , सामजिक , आर्थिक तथा धार्मिक धुरी पर घूमती रहेगी ,
न मस्जिदें बंद होंगी न शिवाले , न मंदिर और न गुरद्वारे , गिरजा में prayer होती रहेगी और स्कूलों में पढ़ाई .
आखिर कोरोना में ऐसी क्या ख़ास बात थी जो पूरी दुनिया रुक गयी , इसकी वजह हम बताते हैं , दरअसल धरती पर भी 2 शक्तियां अपना किरदार अदा करती हैं एक तो रूहानी शक्ति दूसरी शैतानी शक्ति . शैतानी शक्ति का काम दुनिया के अम्न शान्ति और सुकून को ख़त्म करना है जबकि रूहानी शक्ति पूरी मानवता को सुकून प्रदान करती है .
covid जैसी हर बीमारी या तो Direct शैतानी शक्तियों की देन होती है या शैतान के दोस्तों के कर्मों की वजह से रब की ओर से एक सजा होती है .तो covid 19 को भी इसी से जोड़कर देखा जा सकता है , covid 19 धरती पर एक नए प्रकार का तजर्बा था जो लगभग कामयाब रहा . बिलकुल वैसा ही तजर्बा जैसा हिरोशिमा नागासाकी पर परमाणु तजर्बा और इराक पर mass distruction weapons के इलज़ाम का तजर्बा .
शतानत की एक फितरत यह है की वो धरती पर अम्न नहीं चाहता ,,इसके लिए वो सारे उलटे कामों की ओर पूरी इंसानियत को लाने का जतन करता रहता है .इसके लिए वो अच्छी बात को बुरी और बुरी बात को अच्छा बनाकर पेश करता है , मसलन इंसानियत की सभ्य संस्कृति में लिबास का बड़ा रोल है लेकिन आज शैतानी प्रवर्ति ने औरत के पूरे लिबास और वेश भूषा को Backwardness या अज्ञानता से जोड़कर पेश किया तो अब आपकी बेटियां और बीवियां बाजार में नंगी घूम रही हैं .जबकि नंगापन अज्ञानता मूर्खता और आदिवासी होने की निशानी है , जब शैतान ने इंसान को बहकाया तो अब इसको फटा कपड़ा पहनना तरक़्क़ी की निशानी लगने लगा .
तो जब समाज सभ्यता और मानवता को त्याग देगा तो फिर धरती पर covid जैसी महामारियां हमारे जीवन में बैचेनी और खौफ पैदा करदेंगी . इसलिए ज़रुरत इस बात की है , हम अपने बनाने वाले रब , परमपिता , प्रभु के हुक्मों को उसके भेजे दूत के तरीके पर पूरा करें और Nature से जुड़ें फैशन से नहीं .आपस में प्यार करें नफरत नहीं , सकारात्मक सोचें नकारात्मक नहीं . ऐसा करने से हम भी स्वस्थ्य और सुख से रहेंगे और हमारा समाज भी .