यूँ तो स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत के प्रधान सेवक ने खूब झाड़ू घुमाई और कई मंत्री तथा बड़े नेता झाड़ू चलाते दिखी दिए , देश में कितनी स्वच्छता आई यह तो आप सभी जानते हैं परन्तु PNB के बाद गंगा सफाई का काम ज़ोरों पर चल सकता है .
केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ईटी ग्लोबल बिजनस समिट 2018 में देश में सार्वजनिक परिवहन सुधारने और गंगा की सफाई को लेकर कहा कि सरकारी परियोजनाओं और प्रयासों से स्वच्छ गंगा जल्द ही दिखने लगेगी।
गडकरी ने कहा कि 2019 तक 80 से 90 फीसद सफाई होजायेगी ,सार्वजानिक परिवहन को बढ़ावा देने और सड़कों की सुरक्षा को लेकर भी गडकरी ने कहा कि इसके लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।
गडकरी ने कहा, ’20 हजार किमी. विस्तृत भारत का जल मार्ग हमारी बहुत बड़ी ताकत है। गंगा की सफाई के लिए 189 प्रॉजेक्ट हैं। इनमें से 41 अब तक पूरे हो चुके हैं। निर्मल और अविरल गंगा के लिए गंगा नदी के किनारे अब तक 10 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। गंगा बैंक बनाने के लिए हमारी सरकार 3000 करोड़ रुपए खर्च करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। देश में नदियों को साफ रखने के लिए सागरमाला प्रॉजेक्ट के तहत 16 लाख करोड़ रुपए के बजट का आवंटन किया गया है।’
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि गंगा नदी के किनारे बसे 10 औद्योगिक नगरों के कारण ही गंगा में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक बढ़ा है। गडकरी ने कहा, ’10 बड़े शहर गंगा के प्रदूषण के लिए मूल रूप से जिम्मेदार हैं, जिनमें कानपुर का रेकॉर्ड सबसे खराब है।’ केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि मुझे उम्मीद है कि मुंबई के समुद्र और मीठी नदी के पानी में सीवरेज का कचड़ा जाता है, उसे भी साफ किया जा सकेगा।