
चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया (CJI) पर यौन शोषण के आरोप एक साजिश सबूत पेश
SC ने आईबी चीफ ,सीबीआई डायरेक्टर और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को 12.30 बजे मिलने के लिए बुलाया . इस मामले में 3 .00 बजे होगी सुनवाई .
नई दिल्ली: देश के सबसे भरोसे मंद और माननीय सरकारी संसथान को बदनाम करने की साज़िश होती रही है .इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन शोषण के आरोप का मामला अचानक टूल पकड़ने लगा .
दरअसल अगले हफ्ते कुछ महत्त्व पूर्ण cases की सुनवाई होनी है , जिसके चलते कोर्ट की कार्रवाई को सबोटाज किये जाने की साज़िश बताया जा रहा है .
CJI यौन उत्पीड़न मामले में वकील उत्सव बैंस ने कोर्ट में वो सबूत पेश किए हैं, जिनके आधार पर यह दावा किया था कि सीजेआई को फंसाने के लिए साजिश रची गई थी. CJI पर आरोप लगाने के पीछे बड़ी साजिश का दावा करने वाले वकील उत्सव बेंस कोर्ट नंबर चार मे पेश हुए थे. वकील उत्सव द्वारा सौंपे गए सबूतों को देखने के बाद कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर, दिल्ली पुलिस कमिश्नर और आईबी चीफ को तलब किया है.
इस पूरे मामले की सुनवाई कर रही कोर्ट की बेंच में शामिल जस्टिस अरुण मिश्रा के समक्ष बैंस ने सीलबंद दस्तावेज़ पेश किये और कहा कि मैं इस पूरी साजिश को सामने लाकर रहूँगा . इसे सबके सामने खोला जा सकता है.
और इसी के साथ एक सीसीटीवी फुटेज भी है जिससे खुलासा होगा.’ इसके बाद बेंच ने सील बंद पैकेट को खोला और एजी से कहा कि सीबीआई डायरेक्टर को कोर्ट चेंबर में बुलाया जाए.बताया गया सीबीआई निदेशक इस समय दिल्ली में मौजूद नहीं हैं , ऐसे में सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर कोर्ट में पेश होंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो IB ,CBI और DP के सभी आला अधिकारीयों से मिलकर यह तय करेंगे कि इस मामले की जांच को कैसे आगे बढ़ाया जाए. क्योंकि इस मामले में संस्थान की छवि को धूमिल करने की यह एक बड़ी साजिश है.
बैंस ने ये भी दावा किया है कि इसके लिए उनसे भी संपर्क किया गया था और कहा गया था कि वो प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करें.साथ ही उत्सव बैंस ने यह भी दावा किया कि उन्होंने इससे इनकार कर दिया और वो इस जानकारी से अवगत कराने सीजेआई के घर पहुंचे लेकिन वो उपलब्ध नहीं थे.
इसे लेकर एक युवक ने उन्हें 1.5 करोड़ रुपये तक देने का ऑफर दिया था. इसके पीछे यह राज़ भी है की CJI रंजन गोगोई दबाव में आकर resign कर देंगे और अगले हफ्ते होने वाली महत्व पूर्ण सुनवाई को सबोटाज किया जा सके .
अटॉर्नी जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इसके लिए एसआईटी बनाई जाए.कोर्ट ने कहा, ‘यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मुद्दा है. यह गंभीर मसला है.’ साथ ही कोर्ट ने कहा कि बेंस की सुरक्षा जारी रहनी चाहिए.