राम हमारे लिए भी पैगंबर हैं ,मस्जिद को शिफ्ट करने की इजाज़त देती है शरीयत : मौलाना नदवी
है राम के वुजूद पर हिन्दोस्ताँ को नाज़
अहल ए नज़र समझते हैं उसको इमाम ए हिन्द -अल्लामा इक़बाल
नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद -राम मंदिर को लेकर रोज़ ही कोई नया मोड़ आता है , नए नए विचार और मश्वरे आते रहे हैं लेकिन हाल में मौलाना सलमान नदवी जिन्होंने कहा है कि इस्लामी शरीयत में मस्जिद शिफ्ट करने की इजाज़त दी गयी है , और राम भी हमारे लिये एक पैगंबर हैं , यह ब्यान देश में जहाँ एक तरफ हिन्दू समाज में ख़ुशी की लहर पैदा करता है वहीँ दूसरी ओर मुस्लिम समाज में एक नई चर्चा शुरू होगी है .लेकिन यह ऊँट किस करवट बैठेगा अभी यह देखना बाक़ी है .
मौलाना सलमान नदवी ने आगे कहा अमन की खातिर मस्जिद के लिये दूसरी जगह बड़ी ज़मीन लेकर समझौता कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस्लामी शरियत में मस्जिद को शिफ्ट करने की इजाजत है. इसके लिए खलीफा हजरत उमर के दौर का वाक़्या ब्यान किया उन्होंने कहा , कूफा शहर में एक मस्जिद को शिफ्ट करके उसकी जगह पर खजूर का बाजार बनवा दिया गया था. इसका मतलब है कि मस्जिद को शिफ्ट करना जायज है. हालाँकि इस वाक़ये की तफ्सील ज़रा अलग है .
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यस्थता के लिए तीन सदस्यों की समिति बनाए जाने के फैसले पर मौलाना नदवी ने कहा कि मुकदमा लड़ने से किसी की हार होती है तो किसी की जीत . उसमें जो जीतता है वह खुद को विजयी मानता है लेकिन जो हारता है वह बेइज्जत महसूस करता है. लेकिन समझौते से इंसानियत को बढ़ावा मिलता है.
नदवी ने कहा, ‘जहां तक रामचंद्र जी की शख्यित का ताल्कुक है, वह बहुत बड़े रिफॉर्मर थे और मुसलमान मानते हैं कि दुनिया में एक लाख 24 हजार पैगंबर हुए हैं. राम भी अपने वक्त के पैगबंर होसकते हैं . इसलिए विवादित स्थल को मंदिर बनाने के लिए दे देना चाहिए और मस्जिद के लिए कोई दूसरी बड़ी जगह लेकर वहां मस्जिद बना ली जाए औऱ साथ में एक विश्वविद्यालय भी’.
मौलना सलमान नदवी दारुल उलूम नदवतुल उलेमा लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं. इस विश्वविद्यालय को अली मियां ने बनाया था और वह मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पहले अध्यक्ष थे. मौलाना सलमान नदवी भी बोर्ड के सदस्य रहे हैं , मौलाना सलमान , श्री रविशंकर के साथ मिलकर अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए कोशिश करते रहे हैं .
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद को बातचीत से सुलझाने के लिए मध्यस्थता समिति बनाने का आदेश दिया है. इस समिति की अध्यक्षता जस्टिस कलीफुल्ला करेंगे और उनके साथ श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्री राम पंचू भी हैं. समिति को 4 हफ्ते में प्रगति रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपनी है और मध्यस्थता के लिए बातचीत फैज़ाबाद में होगी. इस कार्यवाही की मीडिया रिपोर्टिंग नहीं होगी.