अयोध्या विवाद पर SC का फ़ैसला , मार्कंडेय काटजू ने भरी चुटकी मीडिएशन, मैडिटेशन या मेडिकेशन ?
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विवाद को मध्यस्थता (Mediation) के जरिये सुलझाने का फैसला सुनाया है.देश की सर्वोच्च अदालत ने दोनों पक्षों से बातचीत के ज़रिये अति संवेदनशील मुद्दे का समाधान करने के लिए कुल तीन मध्यस्थ (Mediator) का पैनल तैयार किया है .
जिनमें सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस कलीफुल्ला , वकील श्रीराम पंचू और तीसरे मध्यस्थ आध्यात्मिक गुरु श्री-श्री रविशंकर हैं. इस पैनल की अध्यक्षता जस्टिस कलीफ़ुल्लाह करेंगे.
सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले पर अलग अलग टिप्पणियां आरही हैं किन्तु पूर्व जज्ज मार्कंडेय काटजू ने चुटकी ली है.और अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ”मैं अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का कोई सिरा ही समझ नहीं पा रहा हूं. इसलिये मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि- जय रंजन गोगोई.” काटजू ने आगे एक और ट्वीट कर कहा, ”क्या कोई मुझे बता सकता है कि सुप्रीम कोर्ट ने मीडिएशन करने का आदेश दिया है या फिर मेडिटेशन या मेडिकेशन? कोई मुझे समझाए ”
Markandey Katju
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@mkatju
I could not understand head or tail of today’s Supreme Court order on Ayodhya dispute, so all I can say is ” Jai Ranjan Gogoi ”
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5:46 PM – Mar 8, २०१९
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मध्यस्थता की कार्रवाई पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और इसकी मीडिया रिपोर्टिंग नहीं की जाएगी.कोर्ट ने कहा कि तैयार किया गया पैनल को रिपोर्ट देने के लिए चार हफ्ते का वक्त दिया है. मध्यस्थता के लिए बातचीत फैज़ाबाद में होगी.
पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने पिछले दिनों कश्मीरी दुकानदारों से मारपीट के मामले में सख़्त नाराज़गी ज़ाहिर की थी. मार्कंडेय काटजू ने अपने ट्वीटर हैंडल पर मारपीट का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ”इन गरीब असहाय लोगों पर हमला करने की जगह तुम लोग मेरे पास क्यों नहीं आते. मैं खुद कश्मीरी हूं. तुम लोगों के लिए एक डंडा रखा हुआ है, जो बेकरार हुआ जा रहा है”.
हमारे पाठक पूर्व जज्ज के इस ब्यान से उनके दर्द और ग़ुस्से का अंदाजा लगा सकते हैं , देश के वर्तमान हालात से काफी दुखी भी नज़र आते हैं . लेकिन क्या कोई इनसे सवाल कर सकता है कि तुम क्यों मोदी सर्कार के पीछे पड़े हो या तुम देश द्रोह हो ?कुछ नहीं जनता अच्छी तरह जानती है नफरत का ये माहौल सिर्फ वोट हासिल करने के लिए हैं और ये लोग बहुत थोड़े हैं मगर इन थोड़े लोगों को मीडिया के माध्यम से हवा दी गयी है ताकि सियासी लाभ लिया जा सके .