जमीअत उलमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने केरल के पटिंगल मंदिर में होने वाली घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि जमीअत उलमा हिन्द गम और दुख की इस घड़ी में पीडि़तों के दुख में पूरी तरह भागीदार है। निश्चित रूप से यह घटना असाधारण है और हमारे लिए बेहद दुखद भी। मौलाना अरशद मदनी ने, जो इन दिनों अंतर्राष्ट्रीय अंतर्धामिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए अॅस्ट्रिया (वीयाना) के दौरे पर हैं, प्रेस के लिए मंदिर घटना से संबंधित जारी अपने बयान में कहा कि हमें ऐसे समय में मानवता के आधार पर पीडि़तों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए। उल्लेखनीय है कि केरल के पटिंगल मंदिर में आग लगने के बाद 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की सूचनाएं अब तक आ चुकी हैं जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जाती है। जमीअत उलमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने इस घटना को बेहद दुखद बताते हुए जमीअत की केरल इकाई के महासचिव हाफिज़ अब्दुश्शकूर को विशेष निर्देश भी जारी किये हैं जिसमें मौलाना ने कहा कि हाफिज़ अब्दुश्शकूर तुरन्त घटनास्थल पर पहुंच कर स्थिति की समीक्षा और राहत पहुंचाने के लिए सभी उपाय करें। मौलाना मदनी ने पीडि़तों के परिजनों के साथ पूरी तरह सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि जमीअत का यह इतिहास रहा है कि वह मुसीबत की घड़ी में धर्म और समुदाय से ऊपर उठकर मानवता के आधार पर पीडि़तों के साथ खड़ी रही है। हमारी इस्लामी शिक्षाएं भी इस बात की हिदायत देती है कि हम पीडि़तों की जाति और धर्म से ऊपर उठकर सहायता करें और मानवता के मूल्यों को स्थिर और मजबूत करने में सबसे आगे रहें। जमीअत उलमा हिंद निस्संदेह देश में धर्म और समुदाय से ऊपर उठकर मानवता की सुरक्षा पर सक्रिय विश्वास रखती है जो उसके कल्याणकारी कार्यों से स्पष्ट है।प्रेस सचिव cell no. 09891961134

जमीयत उलेमा हिन्द ने केरल मंदिर हादसे पर जताया गहरा दुःख
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