यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में एक गांव के लोगों ने अजीब फैसला लेते हुए सरकार की निगाह आकर्षित करने का प्रयत्न किया है .आवारा घूमती गायों द्वारा किसानो की फसलों को नष्ट करने के बाद गाँव वालों ने इन को स्कूल में घेरा बंदी करके बंद करदिया है , किसानो का कहना है की आवारा गाये हमारे लिए मुसीबत बन गयी हैं उनका यह भी कहना था की सरकारों द्वारा नए नए क़ानून बनाकर सारी मुसीबतें आम जनता और किसान के लिए पैदा की गयी हैं इसी लिए हमने फैसला किया है की हम अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे और अपनी फसलों की रक्षा करेंगे . ।
खीरी जिले के सकेथू गांव के प्राइमरी स्कूल में सैकड़ों की तादाद में गायें बांधी गई हैं. इसमें कई सांढ़ भी हैं. दरअसल इन्हें ग्रामीणों ने ही यहां कैद किया है. उनका कहना है कि ये आवारा जानवर उनकी फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं.।जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर नकहा ब्लॉक के सकेथू प्राइमरी स्कूल में अब ग्रामीण आवारा गायों को इस स्कूल में बांध रहे हैं. ग्राम प्रधान वीरेन्द्र वर्मा कहते हैं कि इन ‘छुट्टा गायों और साँढ़ों ने किसानों को बर्बाद कर दिया है. ये उनके खेत में घुस कर फसलों को तबाह कर दे रहीं हैं.इसी वजह से अब ग्रामीणों ने इन्हें कैद करने के लिए स्कूल चुना है. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत जिला प्रशासन से भी की गई लेकिन किसी ने उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया.।सकेथू का प्राइमरी और जूनियर दोनों ही स्कूल की बाउंड्री एक ही है. सैकड़ो की तादाद में गायें स्कूल में बंद हैं. और बच्चे घरों में हैं.
कुछ दिनों पहले ईसानगर ब्लाक के दो स्कूलों में भी ग्रामीणों ने इसी तरह सैकड़ो छुट्टा जानवर बंदकर प्रदर्शन किया था. तब एसडीएम और पुलिस ने मिलकर गायों को जंगल में छुड़वा दिया था. सकेथू के एक बुजुर्ग ग्रामीण कहते हैं, “हम गाय को माता मानते थे. मन मे श्रद्धा थी. पर सरकार की व्यवस्था के चलते अब हो रही तबाही धीरे-धीरे गाय के प्रति नफरत फैला रही है. हो न हो ऐसा ही रहा तो गायों को लेकर दो गांवों में भी दुश्मनी बढ़ेगी.”।इस बीच स्कूल के हेडमास्टर ने नकहा चौकी पर एक तहरीर भी दी, जिसमें स्कूल में गायों को बंद करने की शिकायत है और कार्यवाई की मांग की गई. शिकायत पर दरोगा कल्लू सिंह भी खबर पाकर पहुंचे और उच्चाधिकारियों से फोन पर वार्ता की. छुट्टा जानवर कहां ले जाएं इस पर मंथन किया।.यूपी सरकार द्वारा बूचड़खानों पर लगाई गयी पाबंदी के बाद आवारा गायें और सांड इत्यादि अब कानून व्यवस्था के लिए चुनौती और बड़ा सरदर्द भी बनते जा रहे हैं.।Top Bureau
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